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Chandigarh: गणतंत्र दिवस पर 10 वर्षों बाद दिल्ली राजपथ पर दिखेगी चंडीगढ़ की झांकी

Chandigarh की झांकी इस बार 10 वर्षों बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर नजर आएगी। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन को झांकी प्रस्तुत करने के लिए चुना है। इस संबंध में केंद्र ने चंडीगढ़ के प्रशासक को लिखित रूप से सूचित किया है। इस बार देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां परेड का हिस्सा होंगी। चंडीगढ़ के अलावा, दादरा नगर हवेली और दमन व दीव जैसे अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। पंजाब और हरियाणा भी इस सूची में शामिल हैं।

थीम के तहत झांकी की तैयारी

इस बार चंडीगढ़ प्रशासन ने झांकी की तैयारी के लिए एक निजी कंपनी की सहायता लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए कंपनियों से ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (आरएफपी) मांगे गए हैं। प्रशासन ने इस बार झांकी की थीम “स्वर्ण भारत, विरासत और विकास” तय की है। इस थीम का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है।

इस थीम में चंडीगढ़ की विरासत और आधुनिक विकास को प्रमुखता दी गई है। झांकी में चंडीगढ़ की वास्तुकला, रॉक गार्डन, साइकिल ट्रैक, और सार्वजनिक साइकिल साझाकरण प्रणाली को शामिल करने की योजना है। इसके साथ ही, झांकी में सौर ऊर्जा को भी विकास के प्रतीक के रूप में दर्शाया जाएगा।

Chandigarh: गणतंत्र दिवस पर 10 वर्षों बाद दिल्ली राजपथ पर दिखेगी चंडीगढ़ की झांकी

10 वर्षों से नहीं दिखी चंडीगढ़ की झांकी

चंडीगढ़ को “सिटी ब्यूटीफुल” के नाम से जाना जाता है। यह एक आधुनिक और प्रगतिशील शहर के रूप में विकसित किया गया था, जहां हर व्यक्ति सम्मानजनक जीवन जी सके। चंडीगढ़ की योजना और खूबसूरती दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती है। चंडीगढ़ की झांकी आखिरी बार वर्ष 2014 में राजपथ पर नजर आई थी। उस समय दिवंगत नेक चंद द्वारा निर्मित रॉक गार्डन को झांकी का केंद्र बनाया गया था।

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पिछले वर्षों में असफल रहे प्रस्ताव

पिछले कुछ वर्षों में प्रशासन ने झांकियों के कई मॉडल केंद्र सरकार को भेजे, लेकिन वे स्वीकृत नहीं हो सके।

  • 2017: “अंतरराष्ट्रीय दाल संग्रहालय” थीम पर झांकी का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अंतिम रैली के लिए इसे स्वीकृति नहीं मिली।
  • 2018: “कैपिटल कॉम्प्लेक्स, रोज गार्डन और सुखना झील” थीम पर प्रस्ताव भेजा गया।
  • 2021: “आधुनिक जेल बुरैल, सुखना झील और चंडीगढ़ के गार्डन्स” पर आधारित प्रस्ताव भेजा गया। मंत्रालय ने “विश्व धरोहर कैपिटल कॉम्प्लेक्स” पर प्रस्तुति मांगी, लेकिन इसे भी स्वीकृति नहीं मिली।

2023 का प्रयास और 2024 की मंजूरी

पिछले वर्ष भी चंडीगढ़ प्रशासन ने “आधुनिक और प्रगतिशील चंडीगढ़” की थीम पर झांकी का मॉडल तैयार किया था, लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिली। इस बार, “स्वर्ण भारत, विरासत और विकास” थीम को केंद्र सरकार से मंजूरी मिली है, जिससे चंडीगढ़ प्रशासन काफी उत्साहित है।

चंडीगढ़ की विरासत और विकास का संगम

चंडीगढ़ प्रशासन का मानना है कि झांकी में शहर की अनूठी विरासत और आधुनिक विकास का संगम प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें कैपिटल कॉम्प्लेक्स, सुखना झील, रॉक गार्डन और शहर की हरियाली को दर्शाया जाएगा। साथ ही, चंडीगढ़ को एक स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल शहर के रूप में दिखाने का प्रयास होगा।

झांकी निर्माण की प्रक्रिया

गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों के चयन के लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव मांगती है। चयनित थीम के आधार पर झांकी तैयार की जाती है। रक्षा मंत्रालय और संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश मिलकर इसे तैयार करते हैं।

इस बार चंडीगढ़ प्रशासन ने झांकी निर्माण में आधुनिक तकनीकों और सटीकता का उपयोग करने के लिए एक पेशेवर कंपनी की मदद लेने का फैसला किया है। झांकी के लिए सौर ऊर्जा को भी शामिल किया जाएगा, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि चंडीगढ़ सतत विकास की दिशा में अग्रसर है।

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गणतंत्र दिवस पर चंडीगढ़ की झांकी का महत्व

झांकी के माध्यम से चंडीगढ़ प्रशासन देश और दुनिया के सामने अपनी अनूठी पहचान और उपलब्धियों को प्रस्तुत करेगा। यह झांकी न केवल चंडीगढ़ की सुंदरता और विकास को प्रदर्शित करेगी, बल्कि यह शहर के लिए गर्व का क्षण भी होगा।

10 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद चंडीगढ़ की झांकी का चयन न केवल प्रशासन की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह शहर की विरासत और विकास की अनूठी यात्रा का प्रतीक भी है। “स्वर्ण भारत, विरासत और विकास” थीम पर आधारित यह झांकी चंडीगढ़ की सुंदरता और आधुनिकता को भव्यता के साथ प्रदर्शित करेगी।

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